स्थानीय उत्पाद बनाकर महिलाएँ कर रहीं आर्थिक सशक्तिकरण: पंकज पूजन रामपाल

फरीदाबाद। भाजपा जिला कार्यालय पर आत्मनिर्भर भारत के तहत आयोजित महिला सम्मलेन में बोलते हुए जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिलाओं का योगदान अमूल्य है। भारत के हर कोने में महिलाएँ घर-घर में स्वदेशी उत्पाद बनाकर न सिर्फ आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि देश का मान-सम्मान भी बढ़ा रही हैं और आर्थिक सशक्तिकरण भी कर रही है ।

उन्होंने प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वगुरु और विकसित भारत का सपना साकार करने का मार्ग स्वदेशी से होकर गुजरता है। कोविड काल में भारत ने आपदा को अवसर में बदलते हुए आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की और वे उत्पाद भी देश में बनने लगे जिनके लिए हम पहले विदेशों पर निर्भर थे। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादन की दिशा में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाएँ और देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

भारतीय जनता पार्टी फरीदाबाद द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत एक भव्य महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न सेल्फ हेल्प ग्रुप, एनजीओ, और सामाजिक संगठनों से जुड़ी बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य महिला शक्ति को आत्मनिर्भरता, स्वदेशी उत्पादों के संवर्धन, और राष्ट्र निर्माण से जोड़ना था। महिला सम्मलेन में जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, जिला प्रभारी नरेंद्र वत्स, पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, महापौर प्रवीण बत्रा जोशी, महिला मोर्चा अध्यक्ष राजबाला सरदाना, महिला मोर्चा सोशल मीडिया राष्ट्रीय संयोजिका टीना बैंटिक, आत्मनिर्भर भारत की लोकसभा संयोजिका अनीता शर्मा, जिला संयोजिका सीमा भारद्वाज मुख्य तौर पर उपस्थित रहे । इस अवसर पर उपस्थित सभी ने स्वदेशी अपनाने और स्वदेशी का प्रचार प्रसार करने की शपथ ली ।

मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में महिलाओं का योगदान सराहनीय है: महापौर प्रवीण जोशी:

महापौर प्रवीण जोशी ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देकर देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “जब हम स्वदेशी खरीदेंगे, तो स्थानीय उद्योग बढ़ेगा, रोजगार मिलेगा और हमारी अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।” उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर लाखों दीये जलाए जाने का उदाहरण दिया, जिससे हजारों कुम्हार परिवारों के घर में रोटी और मिठाई पहुँची। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की सबसे सुंदर तस्वीर बताया। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को रोजगार देने, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में महिलाओं का योगदान सराहनीय है। राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि महिलाएँ स्वदेशी अपनाने, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के प्रति संकल्पित हो जाएँ, तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता।

स्वदेशी अपनाना केवल व्यापार नहीं, सांस्कृतिक कर्तव्य है : सीमा त्रिखा

पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने आत्मनिर्भर भारत तथा लोकल फॉर वोकल अभियान को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक भावनाओं का विषय है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे देवी-देवताओं की मूर्तियाँ विदेशों—विशेषकर चीन—में बड़े पैमाने पर बनाई जाती हैं और हम अनजाने में उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं, जबकि हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करते हुए स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

नारी ही नारायणी—असीम शक्ति का प्रतीक : नरेंद्र वत्स

जिला प्रभारी नरेंद्र वत्स ने कहा कि “नारी तू नारायण है”—अर्थात समूचे जगत के संचालन की शक्ति।  उन्होंने कहा कि महिलाएँ नौकरी करने के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाती हैं और उनमें पुरुषों से कहीं अधिक क्षमता होती है।
श्री वत्स ने नागरिकों से अपील की कि “घर में उपयोग होने वाली चीजें स्वदेशी अपनाएँ, ताकि रोजगार देश में ही बने और हमारी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो।”

आत्मनिर्भर महिला समाज को बदलने की क्षमता रखती है : राजबाला सरदाना
महिला मोर्चा की जिला अध्यक्षा राजबाला सरदाना ने कहा कि जब महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती है, तो वह न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और राजनीति में भी प्रभावी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि महिला में विचार, संवेदना और सामाजिक नेतृत्व के गुण स्वाभाविक रूप से मौजूद हैं और यही गुण उसे देश निर्माण में एक सशक्त सहभागी बनाते हैं।

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